Summary

डोनाल्ड ट्रंप ने कहा कि अमेरिका और ईरान के बीच न्यूक्लियर डील कुछ हफ्तों में फाइनल हो सकती है. उन्होंने खुद तेहरान जाकर इंसपेक्शन करने की बात कही और इजरायली पीएम नेतन्याहू को अप्रत्यक्ष चेतावनी दी.

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ट्रंप ने जताई तेहरान जाने की इच्छा, नेतन्याहू को दी चेतावनी — ईरान न्यूक्लियर डील पर बड़ा संकेत
ट्रंप ने जताई तेहरान जाने की इच्छा, नेतन्याहू को दी चेतावनी — ईरान न्यूक्लियर डील पर बड़ा संकेत

वॉशिंगटन/तेहरानअमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने ईरान के साथ न्यूक्लियर डील को लेकर बड़ा बयान देते हुए कहा है कि एक समझौता “अगले कुछ हफ्तों में” संभव है। इस दौरान उन्होंने इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू को अप्रत्यक्ष रूप से चेतावनी भी दी और यहां तक कहा कि अगर ज़रूरत पड़ी, तो वो खुद तेहरान जाकर इंसपेक्शन करने के लिए तैयार हैं।

यह बयान ऐसे समय पर आया है जब अमेरिका और ईरान के बीच न्यूक्लियर वार्ता फिर से तेज़ होती दिखाई दे रही है, और इजरायल की ओर से लगातार विरोध के सुर उठ रहे हैं।

“हम बहुत करीब हैं… यह डील हमारे सुरक्षा हितों और वैश्विक स्थिरता के लिए अहम है,” ट्रंप ने न्यू जर्सी में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान कहा। “अगर ज़रूरत पड़ी, तो मैं खुद तेहरान जाकर सब कुछ देखना पसंद करूंगा।”

नेतन्याहू को साफ संदेश

ट्रंप के इस बयान को इजरायली नेतृत्व के लिए साफ चेतावनी माना जा रहा है, जो वर्षों से ईरान के न्यूक्लियर कार्यक्रम का विरोध करता आ रहा है। नेतन्याहू ने हाल ही में कहा था कि कोई भी “कमजोर समझौता” इजरायल के अस्तित्व के लिए खतरा हो सकता है।

लेकिन ट्रंप का नजरिया कुछ अलग दिखा। उन्होंने कहा, “हम किसी निरीक्षण के बिना भी समझौते पर पहुंच सकते हैं, क्योंकि मुझे भरोसा है कि ईरान यह समझ चुका है कि खेल अब पहले जैसा नहीं है।”

एक्सपर्ट्स का नजरिया

कर्नल मार्क विलियम्स, जो मिडिल ईस्ट में अमेरिकी इंटेलिजेंस ऑपरेशन्स को लीड कर चुके हैं, ने कहा,

“ट्रंप का तेहरान जाने का ऑफर महज़ एक बयान नहीं, बल्कि रणनीतिक चाल भी हो सकता है। इससे ईरान को यह संकेत मिलता है कि अमेरिका व्यक्तिगत रूप से भी संलिप्त होने को तैयार है।”

ईरान पॉलिसी सेंटर की रिपोर्ट के अनुसार, पिछले छह महीनों में ईरान ने अपने यूरेनियम संवर्धन को 20% तक सीमित कर दिया है — जो किसी संभावित डील की तैयारी के संकेत हो सकते हैं।

इस डील का वैश्विक असर

यदि डील सफल होती है, तो इसका असर कई मोर्चों पर दिखेगा:

  • तेल के दामों में गिरावट: प्रतिबंध हटने पर ईरान का तेल निर्यात बढ़ेगा।

  • मिडिल ईस्ट में तनाव में कमी: ईरान और अमेरिका के बीच तनाव कम होगा।

  • इजरायल-अमेरिका संबंधों में खटास: नेतन्याहू की असहमति अमेरिकी नीतियों से टकरा सकती है।

पर्सनल इन्वॉल्वमेंट की रणनीति

ट्रंप के तेहरान जाने की बात सिर्फ कूटनीतिक संकेत नहीं, बल्कि उनकी ‘पर्सनल ब्रांडिंग डिप्लोमेसी’ का हिस्सा भी मानी जा रही है। वर्ष 2018 में उन्होंने उत्तर कोरिया के तानाशाह किम जोंग उन से मुलाकात करके ऐतिहासिक पहल की थी, और अब वे ईरान के साथ भी वैसी ही छवि बनाना चाहते हैं।


विश्लेषण:

यह पहला मौका है जब किसी अमेरिकी नेता ने खुले तौर पर तेहरान जाकर निरीक्षण करने की बात कही है। ट्रंप की यह रणनीति उन्हें आने वाले चुनाव में भी फायदे का सौदा साबित कर सकती है, क्योंकि वे खुद को “डील मेकर” के तौर पर पेश करते रहे हैं।

निष्कर्ष

ईरान न्यूक्लियर डील एक बार फिर वैश्विक फोकस में है। ट्रंप का तेहरान जाने का ऑफर और नेतन्याहू को मिली अप्रत्यक्ष चेतावनी इस पूरे घटनाक्रम को और भी रोमांचक बना रहे हैं। अब देखना होगा कि क्या आने वाले हफ्तों में यह डील वाकई फाइनल होती है या फिर क्षेत्रीय राजनीति फिर से नए मोड़ लेती है।

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    Rahul Kumar

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    Rahul is a software engineer and editor at Galaxy Founder, passionate about technology, startups, and digital innovation. With a keen eye for emerging trends and a love for clean, efficient code, Rahul shares insights and resources to help others navigate the evolving tech landscape.

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