Exclusive Report | Mumbai, India — 29 July 2025
क्यों लिया रोहित और विराट ने एक साथ टेस्ट से संन्यास? आखिर क्यों दुनिया के दो सबसे भरोसेमंद बल्लेबाजों ने इस फॉर्मेट को अलविदा कह दिया?
इस सवाल का जवाब खुद टीम इंडिया के ऑलराउंडर शार्दुल ठाकुर ने दिया है—और उनका बयान क्रिकेट जगत में हलचल मचा रहा है।
“उन्हें लगा कि वो अब टेस्ट फॉर्मेट में वैसा योगदान नहीं दे सकते जैसा पहले देते थे। वो फॉर्मेट को पीछे नहीं खींचना चाहते थे,” शार्दुल ने हाल ही में दिए एक इंटरव्यू में कहा।
यह बयान तब आया है जब विराट कोहली और रोहित शर्मा दोनों ने पिछले महीने औपचारिक रूप से टेस्ट क्रिकेट को अलविदा कह दिया। जहां विराट ने 111 टेस्ट में 8676 रन बनाए, वहीं रोहित ने 62 टेस्ट में 3904 रन बनाए थे। दोनों ही खिलाड़ी भारत के लिए कई ऐतिहासिक जीतों में अहम भूमिका निभा चुके हैं।
🔍 Context: क्यों है यह फैसला अहम?
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रोहित शर्मा ने 7 मई को इंग्लैंड के खिलाफ टेस्ट सीरीज के बाद संन्यास की घोषणा की थी।
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विराट कोहली ने इसके दो दिन बाद, 9 मई को सोशल मीडिया पोस्ट के जरिए विदाई ली।
दोनों ही खिलाड़ियों के एक साथ संन्यास लेने से यह कयास लगने लगे थे कि कहीं यह टीम मैनेजमेंट की योजना का हिस्सा तो नहीं। लेकिन शार्दुल ठाकुर की मानें तो यह पूरी तरह से व्यक्तिगत और आत्ममंथन से जुड़ा निर्णय था।
🎙️ शार्दुल ठाकुर का बयान: इनसाइडर व्यू
“विराट भाई और रोहित भाई दोनों क्रिकेट के बहुत सजग खिलाड़ी हैं। उन्हें जब महसूस हुआ कि नई पीढ़ी को ज्यादा स्पेस मिलनी चाहिए, तो उन्होंने पीछे हटने का फैसला लिया,” शार्दुल ने कहा।
शार्दुल का ये बयान न केवल उनकी परिपक्व सोच को दर्शाता है, बल्कि यह भी बताता है कि ड्रेसिंग रूम के अंदर किस तरह का आत्म-सम्मान और खेल भावना मौजूद है।
📊 डेटा से पुष्टि: क्या कहता है हालिया प्रदर्शन?
खिलाड़ी | 2024-25 टेस्ट औसत | स्ट्राइक रेट | सेंचुरी |
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विराट कोहली | 28.4 | 46.7 | 1 |
रोहित शर्मा | 32.7 | 52.3 | 2 |
इस डेटा से साफ है कि दोनों खिलाड़ियों का फॉर्म हाल के वर्षों में गिरा था। हालांकि उनका अनुभव अमूल्य था, लेकिन खुद को पीछे खींच लेने का यह कदम क्रिकेट की आत्मा को दर्शाता है।
🧠 विश्लेषण: क्यों है यह भारत के भविष्य के लिए जरूरी?
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युवाओं को अब बड़े मौके मिलेंगे (जैसे यशस्वी जायसवाल, शुभमन गिल, रितुराज गायकवाड़)
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कप्तानी का बोझ नए चेहरे उठा सकते हैं (शायद हार्दिक पंड्या या केएल राहुल)
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भारतीय क्रिकेट में पीढ़ी परिवर्तन का सही समय
🌐 Conclusion: बड़ा नाम, बड़ा फैसला
विराट और रोहित के फैसले को केवल एक संन्यास न मानकर नेतृत्व की मिसाल माना जा सकता है। शार्दुल ठाकुर की इनसाइडर स्टेटमेंट ने इस कहानी को और भी भावनात्मक और प्रेरणादायक बना दिया है।
“जिन्होंने भारतीय क्रिकेट को ऊंचाई दी, उन्होंने जब खुद को पीछे लिया, तब भी टीम को आगे रखा।” — यही है एक सच्चे लीजेंड की पहचान।